क्या इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार मुस्लिम रिवाज से किया गया था: फ़ैक्ट चेक
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की एक पुरानी तस्वीर इस दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है कि इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार मुस्लिम रिवाज के अनुसार किया गया था.
सोशल मीडिया पर जो तस्वीर वायरल हो रही है उसमें सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के अलावा कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम और पी वी नरसिम्हा राव भी राहुल और राजीव गांधी के निकट खड़े दिखाई देते हैं.
इस तस्वीर को जिन लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है, उन्होंने लिखा है कि ''इंदिरा गांधी की अंतिम क्रिया के दौरान गांधी परिवार जिस तरह हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा है, उससे ये साफ़ हो जाता है कि उनका असली धर्म क्या है''.
रिवर्स इमेज सर्च से पता चलता है कि गांधी परिवार की इस तस्वीर को पहले भी इसी दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जाता रहा है. हज़ारों लोग इसे फ़ेसबुक पर पोस्ट कर चुके हैं.
रिवर्स इमेज सर्च के नतीजे बताते हैं कि इस तस्वीर को सबसे पहले पाकिस्तान के पेशावर में रहने वाले लेखक व राजनेता मोहसिन दावर ने ट्वीट किया था.
मोहसिन का ट्वीट इस तस्वीर से जुड़ा सबसे पुराना सोशल मीडिया पोस्ट कहा जा सकता है.
अपने इस ट्वीट में मोहसिन ने लिखा था कि राजीव गांधी की ये तस्वीर 'फ़्रंटियर गांधी' के नाम से मशहूर स्वतंत्रता सेनानी ख़ान अब्दुल गफ़्फ़ार ख़ान का जनाज़ा उठने से पहले खींची गई थी.
अब्दुल गफ़्फ़ार ख़ान को 21 जनवरी 1988 को पाकिस्तान के पेशावर शहर में दफ़न किया गया था.
'Skyscrapercity' नाम की एक वेबसाइट ने भी राजीव गांधी की वायरल तस्वीर को इसी दावे के साथ छापा है कि ये फ़ोटो 'फ़्रंटियर गांधी' की शव-यात्रा से पहले पेशावर में खींची गई थी.
न्यूयॉर्क टाइम्स और एलए टाइम्स जैसे कई विदेशी मीडिया संस्थान हैं जिनकी रिपोर्ट्स से इस बात की पुष्टि होती है कि राजीव गांधी अपनी कैबिनेट के कुछ सदस्यों और अपने परिवार के साथ ख़ान अब्दुल गफ़्फ़ार ख़ान की यात्रा में शामिल हुए थे.
इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार
भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर 1984 को उनके ही दो सुरक्षाकर्मियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
3 नवंबर, 1984 को दिल्ली में इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति से किया गया था.
उनके अंतिम संस्कार के कई वीडियो सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हैं. इनमें से कुछ को यू-ट्यूब पर भी देखा जा सकता है.
वीडियो में दिखता है कि मंत्रोच्चारण के बीच राजीव गांधी अपनी माँ इंदिरा की चिता के साथ परिक्रमा लगाते हैं और उसके बाद चिता को अग्नि देते हैं.
फ़ोटो एजेंसी गेटी के पास इस दिन की तमाम तस्वीरें मौजूद हैं.
साथ ही 4 नवंबर 1984 की 'द वॉशिंगटन पोस्ट' की एक रिपोर्ट भी इंटरनेट पर मौजूद है जिसमें ये बताया गया है कि भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार हिंदू रीति के साथ कैसे किया गया था.
सोशल मीडिया पर जो तस्वीर वायरल हो रही है उसमें सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के अलावा कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम और पी वी नरसिम्हा राव भी राहुल और राजीव गांधी के निकट खड़े दिखाई देते हैं.
इस तस्वीर को जिन लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है, उन्होंने लिखा है कि ''इंदिरा गांधी की अंतिम क्रिया के दौरान गांधी परिवार जिस तरह हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा है, उससे ये साफ़ हो जाता है कि उनका असली धर्म क्या है''.
रिवर्स इमेज सर्च से पता चलता है कि गांधी परिवार की इस तस्वीर को पहले भी इसी दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जाता रहा है. हज़ारों लोग इसे फ़ेसबुक पर पोस्ट कर चुके हैं.
रिवर्स इमेज सर्च के नतीजे बताते हैं कि इस तस्वीर को सबसे पहले पाकिस्तान के पेशावर में रहने वाले लेखक व राजनेता मोहसिन दावर ने ट्वीट किया था.
मोहसिन का ट्वीट इस तस्वीर से जुड़ा सबसे पुराना सोशल मीडिया पोस्ट कहा जा सकता है.
अपने इस ट्वीट में मोहसिन ने लिखा था कि राजीव गांधी की ये तस्वीर 'फ़्रंटियर गांधी' के नाम से मशहूर स्वतंत्रता सेनानी ख़ान अब्दुल गफ़्फ़ार ख़ान का जनाज़ा उठने से पहले खींची गई थी.
अब्दुल गफ़्फ़ार ख़ान को 21 जनवरी 1988 को पाकिस्तान के पेशावर शहर में दफ़न किया गया था.
'Skyscrapercity' नाम की एक वेबसाइट ने भी राजीव गांधी की वायरल तस्वीर को इसी दावे के साथ छापा है कि ये फ़ोटो 'फ़्रंटियर गांधी' की शव-यात्रा से पहले पेशावर में खींची गई थी.
न्यूयॉर्क टाइम्स और एलए टाइम्स जैसे कई विदेशी मीडिया संस्थान हैं जिनकी रिपोर्ट्स से इस बात की पुष्टि होती है कि राजीव गांधी अपनी कैबिनेट के कुछ सदस्यों और अपने परिवार के साथ ख़ान अब्दुल गफ़्फ़ार ख़ान की यात्रा में शामिल हुए थे.
इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार
भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्तूबर 1984 को उनके ही दो सुरक्षाकर्मियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
3 नवंबर, 1984 को दिल्ली में इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति से किया गया था.
उनके अंतिम संस्कार के कई वीडियो सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हैं. इनमें से कुछ को यू-ट्यूब पर भी देखा जा सकता है.
वीडियो में दिखता है कि मंत्रोच्चारण के बीच राजीव गांधी अपनी माँ इंदिरा की चिता के साथ परिक्रमा लगाते हैं और उसके बाद चिता को अग्नि देते हैं.
फ़ोटो एजेंसी गेटी के पास इस दिन की तमाम तस्वीरें मौजूद हैं.
साथ ही 4 नवंबर 1984 की 'द वॉशिंगटन पोस्ट' की एक रिपोर्ट भी इंटरनेट पर मौजूद है जिसमें ये बताया गया है कि भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार हिंदू रीति के साथ कैसे किया गया था.
Comments
Post a Comment