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Showing posts from April, 2019

चंबल के सिनेमाई ग्लैमर से परे क्या हैं असल मुद्दे

'सोन चिड़िया' से लेकर 'पान सिंह तोमर' और चंबल की क़सम' जैसी फ़िल्मों के ज़रिए आपने 'चंबल घाटी' के डकैतों की कहानियां तो ज़रूर देखीं-सुनी होंगी. लेकिन डकैतों के इस सिनेमाई ग्लैमर से परे, चंबल घाटी के रोज़मर्रा में जीवन के झांककर यहां के ज़मीनी चुनावी मुद्दों की पड़ताल करने बीबीसी की टीम चम्बल के कुख्यात बीहड़ों में पहुंची. राजधानी दिल्ली से क़रीब 350 किलोमीटर दूर, हम मध्यप्रदेश के मुरैना ज़िले के बीहड़ों से गुज़र रहे हैं. लगभग दोमंज़िला इमारतों जितनी उंचाई वाले रेतीले पठारों के बीचे से होते हुए टेढ़े मेढ़े रास्ते. बीच बीच में कंटीली जंगली वनस्पतियों के बड़े-बड़े झाड़ जो गुजराती गाड़ियों के बंद शीशों पर 'स्क्रैच' के निशान छोड़ जाते हैं. मुख्य शहर और बीहड़ों से एक घंटे की दूरी पर हमें चम्बल का साफ़ नीला पानी पहली बार नज़र आया. लेकिन मुरैना जिले से गुज़रने वाली यह नदी यहां तक एक लंबा रास्ता तय करके पहुंची है. मूलतः यमुना की मुख्य सहायक नदियों के तौर पर पहचानी जाने वाली चम्बल की शुरुआत विंध्याचल की पहाड़ियों में मऊ शहर के पास से होती है. फिर वहां से

आईपीएल-12: वानखेड़े में पोलार्ड ने की छक्कों की बरसात

कहने को आईपीएल के टी-20 जैसे छोटे स्वरूप में किसी एक खिलाड़ी की पारी मैच का नक्शा ही बदल देती है, लेकिन जब सामने जीत के लिए 198 रनों जैसा लक्ष्य हो और एक समय चार विकेट 94 रन पर ही गिर जाए वो भी 12 ओवर के बाद तो फिर तो टीम को हार ही नज़र आती है. इसके बावजूद अगर कोई केवल 31 गेंदों पर तीन चौके और 10 छक्के लगाकर मैच ही जीता दे तो उसे चमत्कार ही कहा जा सकता है. बुधवार को वानखेड़े के मैदान में यह सब कर दिखाया मुंबई के किरेन पोलार्ड ने, जिन्होंने अपनी तूफानी और धुंआधार 83 रनों की पारी से अपनी टीम को तीन विकेट से जीत दिला दी. मुंबई ने किंग्स इलेवन पंजाब के ख़िलाफ़ मैच की आखिरी गेंद पर सात विकेट खोकर जीत हासिल की. जब जीत के लिए एक-एक रन का संघर्ष चल रहा था, तब पूरा वानखेड़े स्टेडियम खड़ा होकर दिल थामे मैच देख रहा था. इस बेहद रोमांचक मैच में टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी की दावत पाकर किंग्स इलेवन पंजाब ने निर्धारित 20 ओवर में चार विकेट खोकर 197 रन बनाए. पंजाब के सलामी बल्लेबाज़ केएल राहुल ने 64 गेंदों पर छह चौक्के और इतने ही छक्कों की मदद से पूरे 100 रनों की नाबाद पारी खेली. उनके

क्या इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार मुस्लिम रिवाज से किया गया था: फ़ैक्ट चेक

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की एक पुरानी तस्वीर इस दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है कि इंदिरा गांधी का अंतिम संस्कार मुस्लिम रिवाज के अनुसार किया गया था. सोशल मीडिया पर जो तस्वीर वायरल हो रही है उसमें सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के अलावा कांग्रेस के नेता पी चिदंबरम और पी वी नरसिम्हा राव भी राहुल और राजीव गांधी के निकट खड़े दिखाई देते हैं. इस तस्वीर को जिन लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है, उन्होंने लिखा है कि ''इंदिरा गांधी की अंतिम क्रिया के दौरान गांधी परिवार जिस तरह हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा है, उससे ये साफ़ हो जाता है कि उनका असली धर्म क्या है''. रिवर्स इमेज सर्च से पता चलता है कि गांधी परिवार की इस तस्वीर को पहले भी इसी दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जाता रहा है. हज़ारों लोग इसे फ़ेसबुक पर पोस्ट कर चुके हैं. रिवर्स इमेज सर्च के नतीजे बताते हैं कि इस तस्वीर को सबसे पहले पाकिस्तान के पेशावर में रहने वाले लेखक व राजनेता मोहसिन दावर ने ट्वीट किया था. मोहसिन का ट्वीट इस तस्वीर से जुड़ा सबसे