सभी DM को योगी का फरमान- 10 जनवरी तक आवारा गायों को गोशाला पहुंचाएं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवारा गायों की सुरक्षा को लेकर नया फरमान जारी किया है. बुधवार को उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों (District Magistrates) को आदेश दिया है कि वो आवारा गायों के मालिकों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई करें. साथ ही सभी आवारा गायों को 10 जनवरी तक गोशाला पहुंचाएं.
योगी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति गोशाला में गायों को छुड़ाने आता है, तो उससे जुर्माना वसूला जाए. मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि गायों को चारा, पानी और सुरक्षा भी मुहैय्या कराई जाए. उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधियों और व्यापारियों को भी इसमें योगदान करना चाहिए. इससे पहले मंगलवार को योगी सरकार ने सड़क में घूमती आवारा गायों के लिए गोशाला बनाने के लिए नए सेस का फैसला लिया. 'गौ कल्याण सेस' का उपयोग गोशाला बनाने और उसकी देखभाल करने के लिए किया जाएगा.
इन गोशाला के लिए फंड विभिन्न विभागों से लिया जाएगा, जिनमें एक्साइज आइटम पर 0.5 परसेंट, 0.5 परसेंट टोल टैक्स उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी की तरफ से और 2 फीसदी मंडी परिषद की ओर से इस फंड में व्यवस्था की जाएगी. इसके तहत हर जिले के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में गोशाला बनाए जाएंगे, जहां कम से कम 1000 आवारा पशुओं के देखभाल की व्यवस्था होगी. इसके लिए सरकार ने अभी 100 करोड़ रुपये दिए हैं.
इस फैसले के तहत सूबे के सभी ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत और नगर पालिका व नगर निगम में स्थायी गोशाला बनाने और संचालन नीति के निर्धारण के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिली है.
3 दिसंबर को बुलंदशहर जिले के महवा गांव के पास एक खेत में गाय का शव मिलने के बाद भड़की हिंसा में स्याना थाने के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली लगने से मौत हो गई थी. साथ ही हिंसा के दौरान एक युवक सुमित की भी जान चली गई थी. भीड़ ने इस दौरान जमकर तांडव मचाया था और चिंगरावठी पुलिस चौकी में तोड़फोड़ करते हुए दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया था. हिंसा के आरोप में 27 नामजद और 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी और इनमें से अब तक 32 की गिरफ्तारी हो चुकी है.
असली विलेन योगेश राज फरार?
इस हिंसा में सबसे बड़े विलेन के रूप में बजरंग दल के स्थानीय नेता योगेश राज का नाम सामने आया था. हिंसा के बाद सामने आए वीडियो में योगेश राज भीड़ का नेतृत्व करता दिखाई दे रहा था और पुलिस से बहस भी कर रहा था. हालांकि, आरोप लगने के बाद योगेश राज ने वीडियो संदेश जारी कर खुद को बेकसूर बताया और कहा कि वह हिंसा के वक्त भीड़ का हिस्सा नहीं था. इसके बाद से ही हिंसा के आरोप में लगातार गिरफ्तारियां की जा रही हैं, लेकिन योगेश राज को पुलिस अब तक नहीं पकड़ सकी है. योगेश के अलावा बीजेपी युवा मोर्चा के स्याना नगर अध्यक्ष रहा शिखर अग्रवाल भी अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
कौन है सुबोध कुमार का कातिल?
सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. बुधवार को विनीत और सतीश नाम के 2 आरोपियों ने सरेंडर किया, जिससे इस मामले में अब तक गिरफ्तार आरोपियों की संख्या 32 पहुंच गई है. ये दोनों नामजद आरोपी हैं.
वहीं, दूसरी तरफ इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत का असली जिम्मेदार कौन है, इसे लेकर भी पिक्चर अभी तक क्लीयर नहीं हो पा रही है, जिसे लेकर पुलिस की थ्योरी भी सवालों के घेरे में है. हालांकि, पुलिस ने हाल ही में गिरफ्तार प्रशांत नट को गोली चलाने का असली आरोपी बताया है. पुलिस ने दावा किया है कि प्रशांत ने गोली चलाने का जुर्म मान लिया है, लेकिन मीडिया के सामने प्रशांत ने इससे इनकार किया है.
योगी ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति गोशाला में गायों को छुड़ाने आता है, तो उससे जुर्माना वसूला जाए. मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि गायों को चारा, पानी और सुरक्षा भी मुहैय्या कराई जाए. उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधियों और व्यापारियों को भी इसमें योगदान करना चाहिए. इससे पहले मंगलवार को योगी सरकार ने सड़क में घूमती आवारा गायों के लिए गोशाला बनाने के लिए नए सेस का फैसला लिया. 'गौ कल्याण सेस' का उपयोग गोशाला बनाने और उसकी देखभाल करने के लिए किया जाएगा.
इन गोशाला के लिए फंड विभिन्न विभागों से लिया जाएगा, जिनमें एक्साइज आइटम पर 0.5 परसेंट, 0.5 परसेंट टोल टैक्स उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी की तरफ से और 2 फीसदी मंडी परिषद की ओर से इस फंड में व्यवस्था की जाएगी. इसके तहत हर जिले के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में गोशाला बनाए जाएंगे, जहां कम से कम 1000 आवारा पशुओं के देखभाल की व्यवस्था होगी. इसके लिए सरकार ने अभी 100 करोड़ रुपये दिए हैं.
इस फैसले के तहत सूबे के सभी ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत और नगर पालिका व नगर निगम में स्थायी गोशाला बनाने और संचालन नीति के निर्धारण के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिली है.
3 दिसंबर को बुलंदशहर जिले के महवा गांव के पास एक खेत में गाय का शव मिलने के बाद भड़की हिंसा में स्याना थाने के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली लगने से मौत हो गई थी. साथ ही हिंसा के दौरान एक युवक सुमित की भी जान चली गई थी. भीड़ ने इस दौरान जमकर तांडव मचाया था और चिंगरावठी पुलिस चौकी में तोड़फोड़ करते हुए दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया था. हिंसा के आरोप में 27 नामजद और 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी और इनमें से अब तक 32 की गिरफ्तारी हो चुकी है.
असली विलेन योगेश राज फरार?
इस हिंसा में सबसे बड़े विलेन के रूप में बजरंग दल के स्थानीय नेता योगेश राज का नाम सामने आया था. हिंसा के बाद सामने आए वीडियो में योगेश राज भीड़ का नेतृत्व करता दिखाई दे रहा था और पुलिस से बहस भी कर रहा था. हालांकि, आरोप लगने के बाद योगेश राज ने वीडियो संदेश जारी कर खुद को बेकसूर बताया और कहा कि वह हिंसा के वक्त भीड़ का हिस्सा नहीं था. इसके बाद से ही हिंसा के आरोप में लगातार गिरफ्तारियां की जा रही हैं, लेकिन योगेश राज को पुलिस अब तक नहीं पकड़ सकी है. योगेश के अलावा बीजेपी युवा मोर्चा के स्याना नगर अध्यक्ष रहा शिखर अग्रवाल भी अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
कौन है सुबोध कुमार का कातिल?
सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. बुधवार को विनीत और सतीश नाम के 2 आरोपियों ने सरेंडर किया, जिससे इस मामले में अब तक गिरफ्तार आरोपियों की संख्या 32 पहुंच गई है. ये दोनों नामजद आरोपी हैं.
वहीं, दूसरी तरफ इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत का असली जिम्मेदार कौन है, इसे लेकर भी पिक्चर अभी तक क्लीयर नहीं हो पा रही है, जिसे लेकर पुलिस की थ्योरी भी सवालों के घेरे में है. हालांकि, पुलिस ने हाल ही में गिरफ्तार प्रशांत नट को गोली चलाने का असली आरोपी बताया है. पुलिस ने दावा किया है कि प्रशांत ने गोली चलाने का जुर्म मान लिया है, लेकिन मीडिया के सामने प्रशांत ने इससे इनकार किया है.
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