सरकार ने 5 GHz बैंड के कुछ स्पेक्ट्रम को किया लाइसेंस फ्री, इससे 5G और वाई-फाई सर्विस बढ़ेगी

सरकार ने 5 GHz बैंड के कुछ स्पेक्ट्रम को लाइसेंस से फ्री कर दिया है। आधिकारिक नोटिफिकेशन के मुताबिक, 5150-5250 MHz, 5250-5350 MHz, 5470-5725 MHz और 5752-5875 MHz बैंड के स्पेक्ट्रम के लिए किसी तरह के परमिट की जरूरत नहीं होगी। माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से देश में वाई-फाई सर्विस और 5G सर्विस को बढ़ावा मिलेगा।

लाइसेंस फ्री बैंड का इस्तेमाल 5G और वाई-फाई के लिए

एपीटी फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सेक्रेटरी जनरल एसएन गुप्ता ने बताया कि 'फ्रीक्वेंसी रेंज 5.1-5.3 GHz और 5.7-5.8 GHz का इस्तेमाल दुनियाभर में वाई-फाई सर्विस देने के लिए किया जाता है। जबकि 5.3-5.7 GHz का इस्तेमाल 5G सर्विस के लिए किया जाता है।'

ऐसे मिलेगा 5G और वाई-फाई सर्विस को फायदा

सरकार ने गांवों में वाई-फाई सर्विस पहुंचाने के लिए 'भारत नेट' प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इस प्रोजेक्ट के तहत गांवों में 1 करोड़ वाई-फाई हॉटस्पॉट लगाने का लक्ष्य रखा है।
वहीं सरकार जल्द ही 5G सर्विस का फील्ड ट्रायल भी शुरू करने की योजना बना रही है। ऐसे में इन स्पेक्ट्रम बैंड को लाइसेंस फ्री करने से वाई-फाई और 5G सर्विस की पहुंच बढ़ाने में फायदा मिलेगा।

2019 के आखिरी तक नीलामी, 2020 तक 5G आने की उम्मीद

दुनिया के कई देशों में 5G सर्विस को लेकर ट्रायल शुरू हो चुके हैं, लेकिन सही तरीके से 5G आने में अभी और वक्त लग सकता है। भारत में भी 2019 के आखिरी तक 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू हो सकती है, जिसके बाद 5G पर तेजी से काम हो सकता है।
दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने पिछले महीने बताया था कि 5G को लेकर एक कमेटी बनाई गई है। उन्होंने बताया था कि जब दुनिया में 2020 में 5G टेक्नोलॉजी शुरू होगी, तो भारत भी उनके साथ खड़ा रहेगा।
सरकार का लक्ष्य, 5G टेक्नोलॉजी की मदद से शहरी इलाकों में 10,000 Mbps और ग्रामीण इलाकों में 1000 Mbps की स्पीड मुहैया कराना है।

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